यादें

पलकों में अटके हैं वो
उसकी याद की तरह
आज फिर तन्हा हैं हम
तारों से घिरे चाँद की तरह

रो अगर जाएं
तो यादें बह जाएं
अंजुली में भर लो इन्हें
बस एक प्यास की तरह

चमक न जाएं यादें कहीं
मोतियों की माल की तरह
थमा दो किसी का हाथ
रेशमी रुमाल की तरह

बूंदों से जाकर कह दो
सावन तो बहुत दूर है
मेरी आंखें न बरस जाएं
एक बरसात की तरह

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close