“एक तारा”

जब इस आसमां में नया तारा जन्म लेता होगा तो क्या होता होगा? क्या उसे कोई सैर कराता होगा? या अकेले ही उन्मुक्त मड़राता होगा…

समय

यह समय बड़ा बलवान है समय पर लिखना कितना आसान है पर समझ पाना मुश्किल जितना उलझो इसे समझने में उतना ही जटिल किसी के…

मृदुल छवि

तुम्हारे खूबसूरत चेहरे पे जो गुस्सा रहता है जैसे हर गुलाब की हिफाजत में कांटा रहता है जंगल में किसी कस्तूरी हिरन सी लगती होगी…

यादें

बीते सुनहरे पल तब क्यों याद आते हैं जब बैठो अकेले यादों की दरिया के किनारे यादों की एक लहर सी आती है सुर्ख दिल…

यादें

पलकों में अटके हैं वो उसकी याद की तरह आज फिर तन्हा हैं हम तारों से घिरे चाँद की तरह रो अगर जाएं तो यादें…

माँ

माँ का प्यार है बड़ा निराला मिले उसे जो किस्मत वाला माँ ममता करुणामय सागर धन्य हुआ जग तुझको पाकर वेद पुराणों की गाथा में…

दुनियादारी

पियक्कड़ों के शहर में शरबत ढूंढ रहा हूं खारे सागरों से मीठा पानी पुकारता रहा हूं अपने हाथों से अंजुली भर के पानी पिलाती हो…

चाय और नमकीन

तुम नमकीन थी मैं चाय था दोनो एक प्लेट में आकर मिलते थे वहीं से हमारी गुड मॉर्निंग शुरू होती थी बगल वाली प्लेट के…

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