रवानी

‘तेरे एहसास में रहूँगा मैं असर बनकर,
या कभी दिल में ही साँसों की रवानी बनकर..
संभालकर मुझे रखना है इम्तेहान तेरा,
अब मैं रहूँगा तेरी आँखों में पानी बनकर..’

– प्रयाग

मायने :
रवानी – गतिशीलता

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close