Prayag Dharmani
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Prayag Dharmani commented on the post, बहकावों में छले गए.. 1 month, 2 weeks ago
धन्यवाद सर
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Prayag Dharmani commented on the post, बहकावों में छले गए.. 1 month, 2 weeks ago
Bahut Bahut Shukriya Aapka..Kavita ke Marm Tak pahuche aap..🙏🙏
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Prayag Dharmani commented on the post, बहकावों में छले गए.. 1 month, 2 weeks ago
बहुत शुक्रिया आपका
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Prayag Dharmani wrote a new post, बहकावों में छले गए.. 1 month, 2 weeks ago
कुछ दावों में, वादों में, कुछ बहकावों में छले गए,
भोले-भाले कुछ किसान झूठे भावों में चले गए..खेतों में पगडण्डी की जो राह बनाया करते थे,
आज भटक कर वो खुद ही ऐसे राहों में चले गए..वो ऐसे छोड़ के आ ब […]
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Prayag Dharmani commented on the post, मेरे हवाले कर दो… 3 months, 1 week ago
Thank You so Much sir
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Prayag Dharmani commented on the post, मेरे हवाले कर दो… 3 months, 1 week ago
Thanks Sir
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Prayag Dharmani commented on the post, मेरे हवाले कर दो… 3 months, 1 week ago
Thank You Pragya Ji
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Prayag Dharmani commented on the post, मेरे हवाले कर दो… 3 months, 1 week ago
जी बहुत शुक्रिया..और बिल्कुल ठीक कहा आपने दरअसल लोकडाउन के बाद से 60 प्रतिशत वेतन हो जाने के कारण दो जगह काम करना पड़ रहा है इसलिए वक्त नही निकाल पाता लेकिन कोशिश करूँगा कि कभी कभी ही सही लेकिन उपस्थिति दर्ज़ कराता रहूँ..
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Prayag Dharmani commented on the post, मेरे हवाले कर दो… 3 months, 1 week ago
बहुत शुक्रिया सर आपका
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Prayag Dharmani commented on the post, मेरे हवाले कर दो… 3 months, 1 week ago
शुक्रिया अनु जी
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Prayag Dharmani commented on the post, मेरे हवाले कर दो… 3 months, 1 week ago
बहुत धन्यवाद आपका
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Prayag Dharmani commented on the post, मेरे हवाले कर दो… 3 months, 1 week ago
कविता की दूसरी पंक्ति को कृपया इस तरह पढ़ें..
‘यूँ गुज़रे साल की सब बंद रिसालें कर दो..’कविता लिखते वक्त ये सोचा था कि आखिर में करेक्शन कर दूंगा लेकिन अपलोड करते वक्त याद ही नही रहा..क्षमाप्रार्थी हूँ..
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Prayag Dharmani wrote a new post, मेरे हवाले कर दो… 3 months, 1 week ago
‘रेत पर लिख दो और लहरों के हवाले कर दो,
आज इस साल की सब बन्द रिसालें कर दो..इस नए साल में बाहर न कोई ढूंढे तुम्हे,
मेरे रब तुम अगर दिलों को शिवाले कर दो..किसी भूखे के लिए ये बड़ी वसीयत है,
कि उसके नाम क […]-
बढ़िया चित्रण
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बहुत शुक्रिया सर आपका
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Beautiful
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शुक्रिया अनु जी
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बहुत सुंदर कविता
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बहुत धन्यवाद आपका
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कविता की दूसरी पंक्ति को कृपया इस तरह पढ़ें..
‘यूँ गुज़रे साल की सब बंद रिसालें कर दो..’कविता लिखते वक्त ये सोचा था कि आखिर में करेक्शन कर दूंगा लेकिन अपलोड करते वक्त याद ही नही रहा..क्षमाप्रार्थी हूँ..
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बहुत ही सुन्दर
बहुत दिन बाद आपकी रचना पढने को मिली-
जी बहुत शुक्रिया..और बिल्कुल ठीक कहा आपने दरअसल लोकडाउन के बाद से 60 प्रतिशत वेतन हो जाने के कारण दो जगह काम करना पड़ रहा है इसलिए वक्त नही निकाल पाता लेकिन कोशिश करूँगा कि कभी कभी ही सही लेकिन उपस्थिति दर्ज़ कराता रहूँ..
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Bdhiya
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Thanks Sir
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अति सुंदर
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Thank You Pragya Ji
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उत्तम प्रस्तुति
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Thank You so Much sir
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Prayag Dharmani commented on the post, किससे शिकवा करें.. 6 months, 1 week ago
Thanks
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Prayag Dharmani commented on the post, किससे शिकवा करें.. 6 months, 1 week ago
धन्यवाद
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Prayag Dharmani commented on the post, किससे शिकवा करें.. 6 months, 1 week ago
धन्यवाद जी
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Prayag Dharmani commented on the post, किससे शिकवा करें.. 6 months, 1 week ago
शुक्रिया
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Prayag Dharmani wrote a new post, किससे शिकवा करें.. 6 months, 1 week ago
‘किससे शिकवा करें दामन ये चाक होना था,
मगर करते भी क्या, ये इत्तेफाक होना था..गमों की भीड़ हमारी कश्मकश में उलझी रही,
तय हुआ यूँ हमें गम-ए-फिराक होना था..जिसे हवाओं से हमने कभी न घिरने दिया,
उसके तूफान […] -
Prayag Dharmani commented on the post, हाज़िरजवाबी आ गई 6 months, 2 weeks ago
धन्यवाद जी
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Prayag Dharmani commented on the post, फलक 6 months, 2 weeks ago
बहुत शुक्रिया
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किसानों पर लिखी गई बहुत सुंदर रचना
बहुत शुक्रिया आपका
कुछ दावों में, वादों में, कुछ बहकावों में छले गए,
भोले-भाले कुछ किसान झूठे भावों में चले गए..
——– बहुत ही शानदार व संजीदा रचना। कविता में सच्चाई है, सटीकता है।
Bahut Bahut Shukriya Aapka..Kavita ke Marm Tak pahuche aap..🙏🙏
अतिसुंदर
धन्यवाद सर