Categories: मुक्तक
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करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
मुक्तक
आ बटोही बैठकर कुछ स्मरण कुछ चिंतन करें, यादों की पोटली खोलकर आ बटोही मंथन करें। कुछ तेरे कुछ मेरे सपनों का आ बटोही हवन…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
अलख जगे आकाश
तन कुँआ मन गागरी, चंचल डोलत जाय ! खाली का खाली रहे, परम नीर नहिं पाय !! मोती तेरा नूर मैं, देखूं चारों ओर…
अलख जगाआकाश
तन कुँआ मन गागरी, चंचल डोलत जाय ! खाली का खाली रहे, परम नीर नहिं पाय !! मोती तेरा नूर मैं, देखूं चारों ओर…
बहुत उम्दा
आजकल हमारे साथ भी ऐसा ही हो रहा है
सुन्दर
धन्यवाद सुमन जी
धन्यवाद मानुष सर
बहुत खूब
धन्यवाद सर
बहुत ख़ूब
धन्यवाद जी
Bahut khub
Thank you so much
बहुत उम्दा
धन्यवाद सर