Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: #shayri
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
हमसे दीवाने कहाँ..
अब कहां हमसे दीवाने रह गये प्रेम की परिभाषा और मायने बदल गये, तब न होती थी एक- दूजे से मुलाकाते, सिर्फ इशारों मे होती…
तिरंगे के दीवाने
मिट गये तेरे दीवाने वतन के लिए-2 आंख दिखा के न जाये,आंच आने न पाए सर कटाते रहेंगे इसके क़फ़न के लिए मिट गये तेरे…
पाकर मंजिलों को ही मंजिलों की फितरत जानी
पाकर मंजिलों को ही मंजिलों की फितरत जानी फिर ना कभी मंज़िलो को पाने की हसरत जानी ….. यूई
पुरानी किताबो के पन्ने पलटकर देखो
पुरानी किताबो के पन्ने पलटकर देखो इश्क़ की गहराइयो मैं खुद उतरकर देखो इश्क़ से गहरा समंदर भी नही बस एक बार आज़माकर देखो चंद…
Bahut Sundar