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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
बिगड़ना भी न इस कदर
बिगड़ना भी न इस कदर चाहिये, खुद को परखने की बस नजर चाहिये.. पन्ने अखबार के बेसब्री से बदल डाले, सनसनी सी कोई खबर –…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
‘मातृभाषा एकमात्र विकल्प’
लेख:- ‘मातृभाषा एकमात्र विकल्प’ मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो अपनी बात दूसरों तक पहुँचाने के लिये भाषा का प्रयोग करता है। वह अपनी…
ऐसा हिंदुस्तान चाहिए
” ऐसा हिंदुस्तान चाहिए ” जिस मिट्टी में जन्म लिया बस उसका ही सम्मान चाहिए, बन जाए विश्व भी इसका ऋणी बस वैसी ही तो…
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