Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Antariksha Saha
Hi Everyone,
I am from Kolkata.Land of culture and heritage.These are my creations.Please post your comment if you like it
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
बुढ़ापे की लाचारी
आज कयी बच्चों के एक पिता को दवा के अभाव में तङपते देखा है ना उसके भूख की चिन्ता न परवाह उसकी बीमारी की गज़ब…
Radha ke dukh
तुझे मेरी याद न आई, ओ कान्हा तूने कैसी ये प्रीत निभाई, छोड वृंदावन चले गए तुम, लौट के फिर आए नहीं तुम, हमजोली संग…
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