Categories: मुक्तक
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सुन ले बिटिया रानी
प्यारी-प्यारी बिटिया रानी, कहे मां कह एक कहानी राजा हो या रानी मां तेरी कविता लिखती है, कैसे कहे कहानी फ़िर भी सुन, ओ बिटिया…
रानी लक्ष्मीबाई
युद्ध की हुंकार थी , ललकार की वाणी थी वो सिर्फ झांसी की न पूरे हिंद की रानी थी वो उसमें था जज्बा भरा कूट…
नारी वर्णन
मयखाने में साक़ी जैसी दीपक में बाती जैसी नयनो में फैले काजल सी बगिया में अमराई जैसी बरगद की शीतल छाया-सी बसन्त शोभित सुरभी जैसी…
मेरे जैसी मैं
मैं कहाँ मेरे जैसी रह गयी हूँ वख्त ने बदल दिया बहुत कुछ मैं कोमलांगना से काठ जैसी हो गई हूँ मैं कहाँ मेरे जैसी…
ममता
ममता किसने भर दी मन में गाय को बछड़े से ममता है माँ को बेटे से। ये ममता किसने भर दी मन में। ममता जिसने…
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