Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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अधीर बनो,अधीर बनो
अब क्यों धीर धरे हो अधीर बनो, अधीर बनो मां भारती के लाल तुम हो सर्व शक्तिमान विजय की पताका ले हाथ दुश्मन की ग्रीवा…
अधीर बनो,अधीर बनो
अब क्यों धीर धरे हो अधीर बनो, अधीर बनो मां भारती के लाल तुम हो सर्व शक्तिमान विजय की पताका ले हाथ दुश्मन की ग्रीवा…
खुद के सहारे बनो तुम
मौजो से भिड़े हो , पतवारें बनो तुम, खुद हीं अब खुद के, सहारे बनो तुम। किनारों पे चलना है , आसां बहुत पर, गिर…
माँ
Happy mothers day हर सफलता के पीछे माँ का सहारा है दोस्तों डूबती नैया पार लगदे वो किनारा है दोस्तों माँ के आशीर्वाद से जीवन…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
Uttam
Shukriya