वो दिन वो शाम ….

होते है वो दिन ख़ास जब ना कुछ खाते है ना पीते है पानी,
बस किसी अपने अपने की याद में आँखों से बहता है नमक का पानी ||

होते है वो दिन ख़ास जब करते है किसी का घंटो इन्तजार ,
पता होता है फिर भी करते है किसी के झूठ पर विश्वास…
होते है वो दिन ख़ास जब साथ होते है दोस्त जिनसे करते है प्यार,
पर मिलता है दर्द वो करते है जब धोखे से पीठ पर वार…

कुछ दिनों की ख़ामोशी… फिर कुछ और दिन ख़ास….
जब जागती है किसी अन्जान के लिए दिल में आस ||
होने लगती है दिल की हर छोटी छोटी बात …
पर सहमे से रहते है की यह भी ना छोड़ दे हाथ ||
सोचो तो वो पल भी होता है खास जब लगता है हर रिश्ते से ना जाए हार …
पर डर लगता है की मतलबी जीत से वो ना जाए हमसे हार ||

होते है वो दिन बहुत ख़ास … जब हो जाता है किसी से प्यार …
पर खामोश रहते है जब पता होता है …
प्यार की आशिक़ी में पागल है अपना ही यार ||
बन जाती है फिर वो शाम खास
जब अपने प्यार को देना पड़ता है पागलपन का नाम
खवाबो से पहले देते है उनके नाम का आखिरी जाम ||
 – सचिन सनसनवाल

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close