वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम……
एक आस दिल की, एक विश्वास ज़िन्दगी को
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम
दिल को जिसकी चाहत, करी दिल ने जिसकी इबादत
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम
ज़िन्दगी का सवेरा, सुनहरी और चमकती शाम
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम
जो दे करार दिल को, खुशियां अपार ज़िन्दगी को
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम
जुबा पर जो नाम, होंठों को मिले जिस नाम से आराम
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम
किसी को पाने की ज़िद, किसी को अपना बनाने का ख्याल
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम
आंखें जिसको देखने को तरसे, बादल भी रह रह कर बरसे
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम
जिसके नाम पूरी ज़िन्दगी, खुद की तरह जिसकी बंदगी
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम
जिसको लिखने के लिए कलम भी तरसे, न लिखू तो कागज़ भी भड़के
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम
एक आस दिल की, एक विश्वास ज़िन्दगी को
वो हो तुम, वो हो तुम और सिर्फ तुम……………………..!! (d k)
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