शायरी

तूम सागर हो तो ,
हम लहर है तुम्‍हारी।
तुम वजा हो; उसकी ,
जो लगी है हमें बीमारी।
शायद ही कोई लम्हा हो,
जब आए ना याद तुम्हारी।
अब ख़ुदा ही जाने ,
क्या खता हुई हमसे ,
जो आई ना याद तुमें हमारी।

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Responses

    1. धन्यवाद सर, गलतियां बहुत कुछ सीखाती है किन्तु App में गलती सुधारने की सुविधा नहीं है सर ,अब ऐसे ही काम चलाना पड़ेगा

      1. जी यह बहुत बड़ी मुश्किल है कि एडिट का ऑप्शन नहीं है

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