संग चलना है
नहीं कुछ और कहना है
आपके साथ चलना है ।।
स्थितियां अनुकूल हो न हो
सुख से मुलाकात हो ना हो
पर हर घङी, हर कदम
मेरे हमदम, न रुकना है
आपके साथ चलना है ।।
कोई भी लम्हा अब ऐसा न हो
ना दूर रहूँ, हालात कैसा भी हो
आप मेरे लिए जियो ना जियो
मुझे मेरे हमदम संग- संग रहना है
आपके साथ चलना है ।।
रहूँ जबतक, तीज का व्रत करती रहूँ
लाल रंग के दमक से सजती-संवरती रहूँ
चौथ के चाँद की पूजा , करती, निरखती रहूँ
मेहन्दी का रंग आलता के संग यूँ ही पहनना है
रूठते, अपना हक जताते,आपके संग चलना है ।।
बहुत ही सुन्दर भाव से सजाया है आपने।
सादर धन्यवाद
मेहन्दी का रंग आलता के संग यूँ ही पहनना है
रूठते, अपना हक जताते,आपके संग चलना है ।।
बहुत ही लाजवाब पंक्तियों की सृष्टि की है आपने, वाह
सादर आभार
बहुत सुंदर पंक्तियां
सादर आभार
बहुत सुंदर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद
अति,
अतिसुंदर
सादर आभार
बहुत सुंदर कविता
सादर आभार
बहुत बहुत धन्यवाद