सच की ही नकल होती है

धन की बातों से बड़ी
मन की बात होती है,
तन की बातों से बड़ी
मन की बात होती है।
गरीब आंख में
कुछ और बात हो या न हो
उनकी आंखों में मगर
ईश्वर की चमक होती है।
बो दिये बीज के जैसी ही
फसल होती है,
बिम्ब जैसा भी रहे
चीज असल होती है।
हमारी बात पर
करना नहीं यकीन साथी
क्योंकि हर बात बस
सच की ही नकल होती है।
जब कभी चाहते हैं
जग जाएं
तब निरी आँख क्यों
जगते हुए भी सोती है।

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Responses

  1. धन की बातों से बड़ी
    मन की बात होती है,
    तन की बातों से बड़ी
    मन की बात होती है।
    ________ कवि सतीश जी की अति उत्तम भावाभिव्यक्ति, शानदार रचना

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