Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
*मिलन*
*****कल रात***** शनि का बृहस्पति से हुआ मिलन, चार सौ वर्षों के बाद, दो दोस्तों की दूरी मिटी, दोनों ने किया आलिंगन चार सौ वर्षों…
आजादी
आजादी के इतने वर्षों बाद भी, आजादी को हम जूझ रहे आज भी ।। कभी नक्सलियों, आतंकियों से आजादी, कभी रिश्वतखोरों, भ्रष्टाचारियों से आजादी ।…
पत्थर को पूजते-पूजते थक गये हम कई वर्षों से ।
पत्थर को पूजते-पूजते थक गये हम कई वर्षों से । पर क्या खाक मिला हमें, तुझसे ओ बेवफा मुहब्बत करने से ।। पत्थर को पूजते-पूजते…
बसता है कहीं
गर कोई मुझसे पूछे कभी बता मन तेरा बसता है कहीं झट से मैं बोल दूं मगधेश की गौरवमई परम्परा समेटे है जहां बस वहीं।।…
Nice
Thank you
वाह
हार्दिक धन्यवाद सर
सुन्दर
धन्यवाद जी
बहुत खूब
धन्यवाद
Nice
धन्यवाद जी
Nice! 👌
Thank you
टूटे दिल की दास्तां
Thank you