साक्षात…..

युग युग से नारी पुरुष के हाथों, छलती आई।
तभी तो नारी आज की साक्षात देवी कहलाई ।।
—प्रधुम्न अमित

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(लेख) नारी

आज नारी के पास क्या नहीं है। फिर भी पुरुष उसे अपनों से कमजोर ही समझ रहे है।जबकि,आज हमारी सरकार नारी के प्रति तरह तरह…

Responses

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति!
    देवी का दर्जा देके छल उससे होता आया है
    आसमां पे बिठा के, अस्तित्व पपे भी बन आया है
    बाहर तो क्या घर में भी
    वह मान कहाँ पाया है
    जिसकी वह अधिकारिणी
    वह भी उससे छिनता आया है ।

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