सूखी धरती सूना आसमान

सूखी धरती सूना आसमान,

सूने-सूने किसानों के  अरमान,

सूख गयी है डाली-डाली ,

खेतों में नहीं  हरियाली,

खग-विहग या  हो माली,

कर रहे घरों  को खाली,

अन्नदाता किसान हमारा,

खेत-खलियान है उसका सहारा,

मूक खड़ा  ये  सोच रहा है,

काश  आँखों में हो  इतना पानी,

धरा को दे  देदूँ मैं हरियाली,

अपलक आसमान निहार,

बरखा की करे गुहार,

आ जा काले बादल आ,

बरखा रानी की पड़े फुहार,

धरती मांँ का हो ऋंगार,

हम मानव हैं बहुत नादान,

करते प्रकृति से छेड़छाड़,

माना  असंवेदनशील हैं हम मानव,

पर तुम तो हो पिता समान,

बदरा-बिजली लाओ आसमान,

बरखा बिन है कण-कण बेहाल,

ताल-तलैया सूख रहें हैं,

भँवरे, मेंढक, तितली, कोयल,

मोर, पपीहा सब कर रहे पुकार,

आओ बरखा रानी आओ,

जीवन में हरियाली लाओ,

सूखी धरती सूना आसमान,

सूने-सूने किसानों के अरमान ।।







 

 

 

 

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close