हनुमान जयंती (विशेष )
हे! अंजनीसुत मारुतिनंदन ,
तुम्हें बारंबार प्रणाम है ।
कलियुग के देवा आन हरो पीड़ा,
जग करता तेरा गुड़गान है।
अपनी स्वामी भक्ति के कारण ,
आप श्री राम के मन को भाए थे ,
जब शक्ति लगी भ्राता लक्ष्मण को ,
आप तन में प्राण वापस लाए थे ,
मेरी भी पुकार सुनो हनुमत ,
इक बार दरश दिखला जाओ ,
अपनी बलशाली दृष्टि से ,
सारे संकट अब हर जाओ,
अमिता करती तुमको वंदन ,
स्वीकार करो यह प्रणाम है ।
हे अंजनी सुत मारुति नंदन तुम्हें बारंबार प्रणाम है ।।
( हनुमान जयंती की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं )
Good
मेरी भी पुकार सुनो हनुमत
एक बार दरस दिखला जाओ
अपनी बलशाली दृष्टिसे, सारे संकट अब हर जाओ
बहुत ही सुंदर रचना
अमिता जी
आपको भी हनुमान जयंती के पावन पर्व की हार्दिक बधाई
अतिसुंदर
Bahut khoob
Jai bajrangbali
Jay Ram jee ki
Gungaan