Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
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नज़र ..
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यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
Very nice
धन्यवाद सर
Beautiful
Thank you very much
बहुत ख़ूब
बहुत बहुत आभार
अतिसुंदर भाव
बहुत बहुत आभार सर
बहुत सुंदर पंक्तियां
बहुत बहुत आभार
तुम एक नज़र देख लो खुद को मेरी नज़र से
तुम्हारी नज़रें तलाशेंगी खुद फिर मेरी नज़र को
बहुत आभार 🙏
अत्यंत प्रिय
बहुत बहुत शुक्रिया