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नज़र ..

प्रेम  होता  दिलों  से  है फंसती  नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…

कविता

धधकते लावा है मेरे सीने मे, जिसमे सेक रही हो रोटी कई महीने से। क्यॉ अब तक पकी नही ,तेरी तंदुरी, क्यॉ बाकी है अब…

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