Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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किरदार कितने है
किरदार कितने है हर कोई पहनता एक वेशभूषा एक नए वार्ता के साथ नई जिम्मेदारियां हर रोज़ पर अब भी सवाल इतने है की किरदार…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
किरदार
खुद की भावनाओं से रिश्ता टूटता रहा, एक नया किरदार अंदर ही अंदर बनता रहा। रिश्तों से रिश्तों तक का सफर तय होता रहा, एक…
मिट्टी है सब तरफ जी
देखो जरा सा बाहर मिट्टी है सब तरफ जी, मिट्टी में हैं जन्मते मिट्टी में खेलते हैं, मिट्टी में जड़ हमारी मिट्टी है सब तरफ…
Sir oooosam from nilesh class Vl b
नीलेश आज 6 बजे के बाद मुखौटा कविता पे कमेंट करना
Good