Categories: मुक्तक
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
दिल का सुन
दिल का हाल काश तुम मेरे संग चलते। काश तुम मेरे रंग में ढ़लते।। काश तुम मेरे होंठों के मुस्कान बनते। काश तुम मेरे प्यारे…
मैं समझ नहीं पाता
मैं समझ नहीं पाता अपने ही देश में देशद्रोहिता के रहस्य मैं समझ नहीं पाता अपने ही देश में असहिष्णुता के मायने मैं समझ नहीं…
धरती मां की सहनशीलता के गुण पर आधारित बहुत सुंदर रचना है अनु जी, काबिले तारीफ प्रस्तुतीकरण।
बहुत सुन्दर रचना
अतिसुंदर भाव