दीपावली
जो सितारों को मुँह चिढाएँगे, आज वो दीप हम जलाएँगे। आँख दुनिया की चौंधियाएँगी, इस कदर रोशनी लुटाएँगे। जीते हैं अबभी जो अँधेरों में, उनको…
जो सितारों को मुँह चिढाएँगे, आज वो दीप हम जलाएँगे। आँख दुनिया की चौंधियाएँगी, इस कदर रोशनी लुटाएँगे। जीते हैं अबभी जो अँधेरों में, उनको…
हृदय देह के जीवित रहने में सहायक एक अंग मात्र नहीं है..!! अपितु, यह वो स्थान है जहाँ प्रस्फुटित होते हैं उन कोमल भावनाओं के…
फूल की महकी कली हैं बेटियाँ, नूर सी सबको मिली हैं बेटियाँ। रंजिशो औ’ नफ़रतों के दौर में, आज भी कितनी भली हैं बेटियाँ। मतलबी…
तेरे दीवानों में नाम मेरा भी शुमार न हो ये कैसे मुमकिन है तुमसे मुझे प्यार न हो। एक लम्हा भी ऐसा मेरा गुज़रता नहीं,…
जीवन भर बिना थके,मुस्कुराते हुए अपने संघर्षरत बच्चे को कांधे पर उठाकर चलने वाले पिता का पर्याय बन सके, ऐसा बिंब, रचा ही नहीं गया…
झील के आगोश में कल चाँद फिर ढ़लता रहा। एक सितारा चाँदनी में रात भर जलता रहा। रात भर इक शक़्ल मेरी आँख में पलती…
जब ज़िन्दगी कर रही होगी अंत निर्धारित हमारी कहानियों का जब वक्त की धुंध छँट जायेगी और साफ़ नज़र आने लगेगा चेहरा मौत का..!! जब…
मेरा इंतज़ार एक पुल है असमर्थताओं के उस उफनते दरिया पर जो बह रहा है हम दोनों की दुनियाओं के बीच..! जिससे गुज़रकर एक दिन…
नदियाँ- सागर, सहरा- पहाड़, पानी-प्यास, सूखा- बरसात, तितली-फूल, छाया- धूप पंछी- आकाश, जंगल- उजाड़ सबकी पीड़ाओं को आश्रय दिया है तुम्हारे हाथों ने कहो प्रेम!…
क्या मापदंड हैं नज़दीकियों के कितनी नगण्य है दो लोगों के बीच स्थित भौगोलिक दूरी जिनके दिल धड़कते हैं एक ही लय में..!! और कितना…
सागर के सीने पर उठने वाले ये विकराल तूफ़ान, वास्तव में उसकी पीड़ाएँ हैं, जो रह-रह के उद्वेलित होती रहती हैं, उस नदी की प्रतीक्षा…
पलक झपकते ही खो हो गए कितने ही मुस्कुराते चेहरे, जो कल तक थे हमारी कहानी का हिस्सा जैसे किसी चलचित्र में क्षण में बदल…
केवल आकार का अंतर होता है आग की लपट और चिंगारी में परन्तु समान होता हैं उनका ताप और गुणधर्म उसी प्रकार सुख भी चाहे…
माँ, तुम्हारे बारे में लिखना कठिन है या यूँ कहूँ कि ये असमर्थता समानुपातिक है उस सहजता के जिससे तुम मेरे मौन के पीछे छिपी…
कभी-कभी आसपास पानी होने का भ्रम चंद साँसों का इजाफ़ा कर देता है तड़पकर मरते हुए किसी प्यासे मुसाफ़िर की ज़िन्दगी में तुम भी मेरे…
आकाश की सुंदरता बढ़ाता कपासी बादल नहीं धरती का प्रियतम है वह काला बादल जो अपने प्रेम से करता है धरा का शृंगार.. कानों में…
हे धारित्री, पञ्च महाभूतों में से एक तुम, तुमसे ही उत्पन्न होकर भी मानव अछूता रहा तुम्हारी सहनशीलता के गुण से..!! काश! तुम्हारे धैर्य का…
कल अचानक ही तुम्हारी तस्वीर पर आकर ठहर गईं मेरी निगाहें… और मैं उलझकर रह गयी तुम्हारी आँखों के तिलिस्म में ..!! गहरी ख़ामोशी समेटे…
दुनिया के रंगमंच में कुछ किरदार ऐसे होते हैं जो कभी किसी का ध्यान आकर्षित नही कर पाते… मगर उनके बिना अधूरी है कहानी की…
असम्भव है तुम्हें परिभाषा के दायरे में बांधना.. तुम हो वो सागर, जिसमें विलीन होता है व्याकुलता का दरिया.. या निष्प्राण मन के भीतर बसी…
गौरैया, जाने कहाँ उड़ गई तुम अपने मखमली परों में बाँध के वो सुबहें, जो शुरू होती थी तुम्हारी चहचहाहटों के साथ और वो शामें,…
संसार द्वारा रचित तुम्हारी महानता के प्रतिमान वास्तव में षड्यंत्र हैं तुम्हारे विरुद्ध…!! तुम सदा उलझी रही स्वयं को उन प्रतिमानों के अनुरूप ढालने में…
सुंदरता के प्रति हमारा उन्माद इतना अधिक रहा है कि हमनें तकनीकों का सहारा लेकर हर वस्तु को सुंदर बनाने का भरसक प्रयास किया…!! जबकि…
कुछ एहसास हैं जो आकर ठहर गये हैं ज़बान की नोंक पर… होंठो की सीमाएँ लाँघने को आतुर, बस उमड़ पड़ना चाहते हैं एक अंतर्नाद…
जब कभी भी टूटे ये तंद्रा तुम्हारी, जब लगे कि हैं तुम्हारे हाथ खाली! जब न सूझे ज़िन्दगी में राह तुमको, जब लगे कि छलते…
दर्द बनके आँखो के किनारों से बहती है! बनकर दुआ के फूल होंठो से झरती है!! देती है तू सुकून मुझे माँ के आँचल सा!…
जब भी मन घिर जाता है अपने अंतर्द्वंदों की दीवारों से, जब मस्तिष्क के आकाश में छा जाते हैं बादल अवसादों के…!! तब छांट कर…
एक महान विज्ञानी का कथन है… ‘हर क्रिया की बराबर किंतु विपरीत प्रतिक्रिया होती है’..!! प्रेम करने वाले इस तथ्य के जीवंत उदाहरण हैं…. समाज…
याद है हमको प्रेम दिवस ऐसा भी एक आया था! थी रक्तरंजित वसुंधरा, और आकाश थरथराया था!! एक कायर आतंकी ने घोंपा था सीने पर…
वो भटकता रहा लफ़्ज़ दर लफ़्ज़ गढ़ने को परिभाषायें प्रेम की, रिश्तों की, विश्वास की…!! और मैंने अंकित कर दिया हर एहसास उसके दिल में…
सांसारिक कुचक्रों में उलझ कर अपनी मौलिकता से समझौता करते मानव सुनो..!! अपने भीतर हमेशा बचा कर रखना इतना सा प्रेम…!! कि जब भी कोई…
यदि बाँधने जा रहे हो किसी को वचनों की डोर से, तो इतना स्मरण रखना कहीं झोंक न दे वचन तुम्हारा उसे उम्र भर की…
निकाल कर फेंक दिया है मैने अपने भीतर से हर अनुराग, हर संताप… अब न ही कोई अपेक्षा है बाक़ी औऱ न ही कोई पश्चाताप..!!…
जब भी प्रेम करने वालों को कोसा गया मैंने बंद कर लिए अपने कान… जब भी प्रेमियों पर अत्याचार किये गए मैंने मूँद लीं अपनी…
एक विरोधाभास रहा है हमेशा से हमारी कल्पनाओं और वास्तविकता के बीच..!! जहाँ कल्पनाएं सुख की मीठी नदी है, वहीं वास्तविकता दुःख का खारा सागर..!!…
घर आँगन में फूलों सी खिलती हुई लड़कियाँ! फ़ीकी दुनिया में मिसरी सी घुलतीं हुई लड़कियां!! उदासियों की भीड़ में हँसती हुई मिलती हैं! ज़िम्मेदारी…
ये सृष्टि हर क्षण अग्रसर है विनाश की ओर… स्वार्थ, वासना और वैमनस्य की बदली निगल रही हैं विवेक के सूर्य को..!! सुनो! जब दिन…
खुशियां सदा अमावस की रात की आतिशबाजी की तरह आईं मेरे जीवन में… जो बस खत्म हो जाती है क्षण भर की जगमगाहट और उल्लास…
यूँ अपने जज़्बात नुमाया क्यों करते हो ! मेरी ख़ातिर अश्क बहाया क्यों करते हो !! क़िस्मत के लिक्खे से मैं भी वाकिफ़ हूँ !…
बीते कल की परछाई है और तुम्हारी यादें हैं मैं हूँ, मेरी तन्हाई है और तुम्हारी यादें हैं..!! सर्द अंधेरी इन रातों में थोड़ी सी…
राहें हमारी मिलने के आसार नहीं हैं! कैसे कहूँ तुम्हारा इंतजार नहीं है!! मेरी हर दलील को ठुकरा चुका है ये! इस दिल पे मेरा…
बदल रही है ज़िंदगी, बदल रही हूँ मैं..! तुम इश्क हो तुम्ही में ढल रही हूँ मैं!! नरमी तुम्हारे हाथों की ओढ़े हुए हैं धूप..!…
मैं हमेशा दुःख से कतराती रही, इसे दुत्कारती रही मगर ये दुःख हमेशा ही मिला है मुझसे बाहें पसारे…!! मैं भटकती रही चेहरे दर चेहरे…
उसकी आँखों में झलकता है, उसके दिल मे बसे सागर का चेहरा !! दुःख की उद्दंड लहरें अक्सर छूकर, भिगोती रहती हैं पलकों के किनारों…
उसके आँसू का संचय कर ईश्वर समंदर रचता है। प्रतीक्षा की पावन अग्नि में वो आहुतियों सा जलता है…!! जिसकी उदासी के रंग में ढलकर…
क़भी कोख़ में ही मार डाला उसे, कभी काट के फेंक दिया खलिहानों में!! कभी बेंच दिया उसे देह के बाज़ारों में , क़भी सरेराह…
कभी कभी मेरे मन के अंधेरे कमरे में न जाने किस झरोखे से चले आते हैं जुगनुओं से झिलमिलाते विचार…!! मैं अपना हाथ बढ़ाकर कोशिश…
सुनो! अपने घर की छत से देर तक जिस आसमान को निहारा करते हो न.. उस आसमान के एक छोटे से टुकड़े में अपने दिल…
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