होली की धूम मची है
होली की धूम मची है
घर – घर आँगन,
रंग है बिखरा,
रंग से जोबन रूप है निखरा।
मन की उमंग सजी है,
होली की धूम मची है।
रंग है उनका
खिल गया हम पर,
जो भी लगाया
फब गया हम पर,
प्रेम की पंक्ति रची है
होली की धूम मची है।
आप भी आओ
हम संग खेलो
प्रेम के प्रेम बदले
प्रेम को ले लो,
प्रेम की जोत जगी है।
होली की धूम मची है।
ढोल-मृदंग, मजीरा बाजे
राधा नाचे, कन्हैया नाचे
धुन प्यारी सी बजी है।
होली की धूम मची है।
ढोल-मृदंग, मजीरा बाजे
राधा नाचे, कन्हैया नाचे
धुन प्यारी सी बजी है।
होली की धूम मची है।
_________ होली पर धूम मचाती हुई कवि सतीश जी की बहुत सुंदर और शानदार रचना, अति उत्तम लेखन
होली की धूम, वाह वाह
बहुत खूब, होली की शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर
होली की बहुत सुंदर कविता
बहुत सुंदर भाव पूर्ण रचना
होली पर बहुत ही सुंदर रचना
बहुत ही सुंदर व उच्च स्तरीय लेखन होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं आपके पूरे परिवार को व आपको भी।।
बहुत खूब Happy Holi
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं बहुत सुंदर कविता
होली की धूम पर सुंदर ,अति सुंदर , कविता