हम मर्दों की ख़ास निशानी होती है
- हम मर्दों की ख़ास निशानी होती है ,,
हसीं चेहरा देखा नहीं की नियत फिसल जानी होती है …………..!! - चलते चलते निगाहों में बात बन जाती है ,,
कमबख्त ये गलतफ़हमीयां दूर होते ही उम्मीदे टूट जाती है ……….!! - सारी खुशफहमियाँ रात सपनो में ही आती है ,,
दूर दूर सपना है पर दिन में ये कल्पना बिखर जाती है ………….!! - हो मेरा भी कोई ,,, अरमाने यूँ आवाज़ देती है ,,
की दिल तो परोसे बैठे हो पर सौदेबाजी क्यूँ नहीं आती है ??……………!! - कैसे समझाए अब हाल इस आशिकी का ,,
खामोश होकर भी ये मदहोश रातें बेचैन कर जाती है …………….!! - अजमा ले खुदको भी बड़ा शिकारी समझ कर ,,
मालूम तो चलेगा कितना अचूक है तेरा भी निशाना हुस्न पर …………..!! - उल्टा चलना रहो पे बदस्तूर आज भी जारी है ,,
उस काफ़िर के लिए जिसके न होने पर अकेला बिस्तर भारी है ………….!! - जज्बातों की टोकरी इतनी तब भर जाती है ,,
जब काले लंगूर के साथ एक कमसीन हसीना नज़र मुझको आती है ………….!!समझो #चन्द्र अपनी अपनी पसंद का मामला है ,,
जब खुदा मेहरबान तो गधा भी पहलवान नज़र आता है ………………………….!! - ……………………………………………………………….~~**#चंद्रहास**~~
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