4 Liner#2
तुम साज़ बनो हम गीत बनेंगे ,
तुम प्रिय बनो हम प्रीत बनेंगे |
चल दो कुछ पग मेरे पथ पर
तुम दौड़ बनो हम जीत बनेंगे |
तुम साज़ बनो हम गीत बनेंगे ,
तुम प्रिय बनो हम प्रीत बनेंगे |
चल दो कुछ पग मेरे पथ पर
तुम दौड़ बनो हम जीत बनेंगे |
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kam shabd, jayda jajbaat
एक ख़ामोशी …..क्योंकि शब्द नहीं है , तारीफ़ करने लिए…..
अरे पंकज जी, अब आपके शब्दों पर ख़ामोशी सी छा गई है ….. thanks a lot…. big words….
sahi kaha pankaj ji…shabd nahi taarif ke liye
likhna band krna padega 😛
Good
सुन्दर