ये गीत

ये गीत मेरे न पत्थर है, न कांटे ,न अंगारे है,

ये गीत ह्रदय की पीड़ा हैं,वो सब है जो हम हारे हैं.

हर लफ्ज़ में उसकी ख़ुश्बू है, हर मतला उसकी भाषा है,

हर मक़ता उसका पूजन है, बस इसीलिए ये प्यारे है..

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