रहने लगा है
हिफाजत कर ले मेरी आजकल कहने लगा है,
ना जाने क्यूं मेरा दिल खौफ़ में रहने लगा है l
उम्र भर ख्वाब चुन-चुन कर जिसे तैयार किया था मैने,
मेरे ख्वाबों का वो नन्हा सा घर ढहने लगा है l
ज़रा से दर्द पर भी चीखकर इज़हार करता था,
मगर दिल आजकल सारे सितम सहने लगा है l
जिसको तमाम उम्र छुपा रखा था सीने में,
वो दरिया अब मेरी आंखों में आ बहने लगा है ll
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-Er Anand Sagar Pandey
Nice line