Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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आशा जगाते रहूँ
गीत लिखते रहूँ मैं सुनाते रहूँ, सो गए को जगाते रहूँ। गर उठें भाव टूटन के मन में बन रबर मैं मिटाते रहूँ। निराशा हटाते…
दो रूप न दिख पाऊँ
हाथी की तरह दो दांत मत देना मुझे प्रभो कि बाहर अलग, भीतर अलग। दो रूप न दिख पाऊँ। दो राह न चल पाऊँ। जैसा…
वृद्ध की अभिलाषा
एक-एक करके चले गए, जो बने थे मेरे सब अपने क्रम-क्रम से बिखर गये वो सुन्दर रचित मेरे सपने अब तो तन्हा हूँ, तन्हाई है…
एक शहीद का खत
एक शहीद का खत….. ‘माॅ मेरे खत को तू पहले आॅखों से लगा लेना चूमना होठों से इसे फिर आॅचल में छिपा लेना।’ कि….. बेटा…
सत्य पथ चलता रहूँ
लब खुलें तो सत्य बोलें अन्यथा पट बन्द हों, ईश ऐसी शक्ति देना, भाव में नव छन्द हों । याचना है ईश तुझसे, काम से…
So Nice
असीम से है सारे शब्द
बहुत सुंदर
Awesome