दिल की बातें …
कभी दिल से दिल मिलाकर तो देखो
उस के लिए अपने अरमान जगाकर तो देखो
जालिम आंखों से तो हर कोइ मुमुस्कुरा लेता है
लेकिन कभी मोहब्बत की राहो मे आकर तो देखो
जो बात खामोसी मे है वो बात लब्ज़ों में कहा
दिल के अरमान की खबर सबके आंखों में कहा
केह कर प्यार नहीं करते जनाब हम
हमारी यह बाते आपके दिल की किताबों में कहा
ना जाने क्यूँ हवाएँ आज मुझसे कुछ कह रही है
तुम्हारे पास होने का एक हसीं लम्हा मुझे दे रही है
वो आंखे वो होठ और वो जुल्फें बस यही कहती है
जेसे तेरे प्यार की कहानी इन वादियों में बेह रही है……
वाह
nice
वाह बहुत सुंदर रचना
Dhanyawad sirji