बेटा- बेटी
जन्मे थे दोनों साथ साथ फिर भेद आ गया
क्यों मन मे।
एक बेटा है एक बेटी है सुन शोक छा गया
क्यों घर में।
भईया की बलैया की खातिर सब आए थे
बारी बारी
पर मेरी सूनी आंखों में गम देख सका था न कोई
मां तुमको तो प्यार लुटाना था पर तुम भी
आख़िर बेबस थीं
तेरी आंखों में खुशी देखने की मेरी छोटी सी चाहत थी।
दादी -दादा से कह दो एक प्यार भरा हाथ फेरें तो सही
उनकी सेवा की खातिर दरवाज़े पर मिलूंगी सदा खड़ी।
पापा की गुड़िया बन करके सपने पूरे
करना है मुझे,
घर की बिटिया बन करके आसमान
छूना है मुझे ।।
Nice
Thanks
Very nice
Thanks dear
Nice
Thank you
बहुत बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद
Good
Thanks alot
Wah
धन्यवाद
Nice