मुझे अपने साथ ले चलो
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
इत्र बन कर मेहकती रहूंगी तुम्हारे बदन की खुशबू के साथ
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
रुमाल बन कर, तुम्हारे माथे को चूम लूंगी ,जब करनी हो बात
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
घड़ी बन कर, लिपटी रहूंगी तुम्हारी धड़कनों के साथ
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
फ़ोन समझ कर, मुझे थामे रखना अपने हाथों के साथ
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
चादर बन कर, ओढ़ लेना मुझे किसी ठंड की रात
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
पर्स में लगी फोटो बन कर , देखते रहना मुझे तुम सदा मुस्कराहट के साथ
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
यूँ ही सहेज लिया है, मैंने खुद को सूटकेस में,तुम्हारे सामान के साथ साथ
Nice
Thank you
बहुत खूब
shuriyaa Devesh Ji
Wah kya baat
bahut bahut dhnyawad apka
Nice
Thank you Poonam Ji
वाह बहुत सुंदर रचना
dhnyawad Mahesh Ji
Good