Majhab
क्यों ये ऊंच-नीच की दीवार है?
आते हैं दुनिया में सभी तो,
खाली हाथ ही होता है सभी का,
क्यों यह जात पात की दीवार है?
एक सा रंग होता है सभी के लहु का,
एक ही हार मास से बने हैं सभी,
अंतर बस इतना ही है कि
लेता है जन्म कोई अमीरी में,
लेता है जन्म कोई गरीबी में,
भूल जाओ सब अपनी जाति को,
सोचो बस एक ही जात है मानवता का,
तोड दो मजहब की दीवार को,
बस एक ही दीवार है मानवता का |
Nice
thanks
वाह
Thanks
Sahi kha
Thank you Nimisha ji
Wah
Good