Majhab
क्यों ये ऊंच-नीच की दीवार है?
आते हैं दुनिया में सभी तो,
खाली हाथ ही होता है सभी का,
क्यों यह जात पात की दीवार है?
एक सा रंग होता है सभी के लहु का,
एक ही हार मास से बने हैं सभी,
अंतर बस इतना ही है कि
लेता है जन्म कोई अमीरी में,
लेता है जन्म कोई गरीबी में,
भूल जाओ सब अपनी जाति को,
सोचो बस एक ही जात है मानवता का,
तोड दो मजहब की दीवार को,
बस एक ही दीवार है मानवता का |
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देवेश साखरे 'देव' - October 15, 2019, 6:53 pm
Nice
Poonam singh - October 15, 2019, 8:20 pm
thanks
महेश गुप्ता जौनपुरी - October 15, 2019, 8:47 pm
वाह
Poonam singh - October 16, 2019, 1:07 pm
Thanks
NIMISHA SINGHAL - October 16, 2019, 7:19 am
Sahi kha
Poonam singh - October 16, 2019, 1:08 pm
Thank you Nimisha ji
राम नरेशपुरवाला - October 16, 2019, 4:20 pm
Wah
nitu kandera - October 17, 2019, 7:12 am
Good