तकदीर

हर पल आँखों में रहती तेरी तस्वीर है।
माने या ना माने, तू ही मेरी तकदीर है।
गर बन जाओ तुम, मेरी सदा के लिये,
ये सुहाने पल हो सकती मेरी जागीर है।

देवेश साखरे ‘देव’

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