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हम दीन-दुःखी, निर्बल, असहाय, प्रभु! माया के अधीन है ।।
हम दीन-दुखी, निर्बल, असहाय, प्रभु माया के अधीन है । प्रभु तुम दीनदयाल, दीनानाथ, दुखभंजन आदि प्रभु तेरो नाम है । हम माया के दासी,…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कुछ दिल की सुनी जाये
चलो रस्मों रिवाज़ों को लांघ कर कुछ दिल की सुनी जाये कुछ मन की करी जाये एक लिस्ट बनाते हैं अधूरी कुछ आशाओं की उस…
प्रभु शरण
कृत्रिम सजावट जीने में, आत्मिक सुख तो नहीं ला पाती है। आनंद नाद की प्राप्ति तो प्रभु के चरणों में ही आती है। जब पा…
छोड़ों व्यर्थ की बात (गीत)
छोड़ो व्यर्थ की बाते अब हम राम का नाम लेते है । सारी दुनिया को भूलाके अब हम राम को याद करते है । छोड़ों…
Nice
Thanks
वाह
Thanks
Good
Thanks
सुन्दर
सुन्दर रचना
Jai ho