कभी ना भेजा गया खत
दोस्त नहीं अब हम
दूर है कही तू
किसी और की बाहों में
मेरा भी नसीब चल पड़ा है किसी और के साथ
लोग कहते है पहला प्यार भुलाया नहीं जाता
हम कहते है भूलना भी क्यों है
तब हम नासमझ थे वही दौर की यादें काफी है
पछतावा नहीं है बस वोह हसीन यादें है
दोस्ती थी गलत होगा अगर कहूँ नहीं है
आज भी कभी अचानक मिल गए तोह
एक जिजक सी रह जायेगी
शायद अजनबी बन के नज़रअंदाज़ कर देंगे
आज भी यह सवाल है
प्यार न सही एक दोस्त की तरह क्या हम मिल पाएंगे
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Very nice
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Kya baat
Thanks