Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
घिस-घिस
घिस-घिस कर चप्पल बना, जीवन का संघर्ष, खींच रहा पीछे मुझे, कैसे हो उत्कर्ष, कैसे हो उत्कर्ष, चुभ रहे कंटक पथ में, तुझे कहाँ महसूस,…
उम्र लग गई
ख्वाब छोटा-सा था, बस पूरा होने मे उम्र लग गईं! उसके घर का पता मालूम था , बस उसे ढूंढने मे उम्र लग गईं !…
यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
👌👌👌
Thnks
Nice
Thnks
Good
Thnks
🙄🙄
Thnks
Good
Thanks bhai
👏👏👏👏✍
Thanks
💖💖💖💖🖤
Waah
ह्रदयस्पर्शी
Wah