हिंसा की गोली
मैं कैसे उड़ा गुलाल
जब भी हिंसा का
धुआं उड़ रहा है
मैं कैसे जलाऊं होली
जब मेरा देश चल रहा है
मैं कैसे खेलू रंग की होली
जब हर जगह तो रक्त पड़ा है
जब यमराज यमलोक छोड़कर
दिल्ली की सड़कों पे खड़ा है
मैं कैसे जाऊं मंगल गीत
जब मातम का रुदन बजा है
मानवता तो त्याग दी तुमने
अब बोलो कीमती धन क्या बचा है
मेहमान बैठा था
घर में तुम्हारी तुम्हारे
उसका लिहाज आया ना
अपनी समूह से हिंसा
करके भारत का है मान बढ़ाया ना
Nice
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका🙏🙏
Sahi baat
धन्यवाद🙏🙏🙏
Good
Thankyou
Shi kaha
जी धन्यवाद आपका
Nyc
Thankyou