Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कल किसने देखा कल आये या ना आये
कल किसने देखा कल आये या ना आये आज की तू परवाह कर ले कही यह भी चला ना जाये देख परायी चुपड़ी तेरा मन…
रात पर छाई खुमारी
रात पर छाई खुमारी बौने सपने हो गये उम्र बीती तेरी आरजू में सपने सपने हो गए
कल किसने देखा कल आये या ना आये
जीवन संदेश कल किसने देखा कल आये या ना आये आज की तू परवाह कर ले कही यह भी चला न जाये देख दुनिया की…
“किसान आन्दोलन”
जो बादल सदैव ही निर्मल वर्षा करते थे निज तपकर अग्नि में तुमको ठण्डक देते थे वह आज गरजकर तुम्हें जगाने आये हैं ओ राजनीति…
NYC
थैंक्स
Good
धन्यवाद
Nice
थैंक्स
वाह
धन्यवाद
Good one
थैंक्स