Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
अच्छाई नहीं मिलती
झूठों की नगरी है साहब, यहाँ सच्चाई, नहीं मिलती…. बुराई के हैं अनगिनत किस्से, पर अच्छाई, नहीं मिलती…. आधे घंटे मे पहुँच जाता है, लोगों…
अच्छाई नहीं मिलती
झूठों की नगरी है साहब, यहाँ सच्चाई, नहीं मिलती…. बुराई के हैं अनगिनत किस्से, पर अच्छाई, नहीं मिलती…. आधे घंटे मे पहुँच जाता है, लोगों…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
Nice
थैंक्स
Nyc
🙏🙏
Khub
धन्यवाद आपका
वाह
वाह वाह
सुंदर