Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
बहते पवन को किसने देखा?
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
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तेरे प्यार का नशा
इस कदर छाया है तेरे प्यार का नशा। बस तेरी यादें ही दिलो-दिमाग पर बसा। तुमसे दूर अब रहा भी न जाए। ये जुदाई अब…
खूब कहा
धन्यवाद जी
Ji waah
Thanks
Nyc
वाह
👌
Good