Categories: मुक्तक
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क्या कभी किसी को देखा है ?
क्या कभी किसी को देखा है ? दर्द से छटपटाते हुए। क्या कभी सुना है तुमने किसी को चुप-चाप चिल्लाते हुए। कठिन बड़ा है उस…
ये तो वही किसान है
चिड़ियों के चहचहाने से पहले, बैलो के रंभाने से पहले जो जाग जाता है, ये तो वही मेहनत का पुजारी किसान है| अन्न को उपजाने…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
इंसा, इंसा को क्या देता है…….
इंसा, इंसा को क्या देता है जख्म और सिर्फ दगा देता है पिला कर घूँट धोके का सबको ये बड़े आराम से सबको सुला देता…
इक झोंके से नहीं बिखरता चिड़ियों का बना बसेरा!
जीवन में नित बढ़ते जाओ देखो नया सवेरा, इक झोंके से नहीं बिखरता चिड़ियों का बना बसेरा….(१) मिलती जो बाधाएं हैं नित उनको गले लगाओ,…
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Nyc