Categories: मुक्तक
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मोर रंग दे बसंती चोला, दाई रंग दे बसंती चोला
ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अद्भुत है संसार
अद्भुत दुनिया की रीत है अद्भुत है संसार अद्भुत रिश्ते नाते हैं अद्भुत नदी की धार अद्भुत सुंदर पुष्प है अद्भुत पर्वत श्रृंखला अद्भुत धरती…
बिरह भक्ति गीत- मेरे श्याम सावरिया |
बिरह भक्ति गीत- मेरे श्याम सावरिया | चुराकर दिल मेरा मुझे दीवाना बना दिया | सुनो मेरे श्याम सावरिया | सुनाकर मीठी बाते मुझे अपना…
Nice
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