हे कर्मवीर हे धर्मवीर
हे कर्मवीर हे धर्मवीर
हे परमवीर तुम शौर्य महान,
हेभारत मा के वीर सपूत
इस देश के लिए कुर्बान है जान
बलिदान तेरा न व्यर्थ जाएगा
तेरा लहू इस देश के काम आएगा
न झुकने देंगे हम शीश चमन का
तिरंगा यह हर पल गगन में लहराएगा
याद रखेंगे सदियों तक
तेरा यह अमूल्य बलिदान
हे कर्मवीर हे धर्मवीर
हे परमवीर तुम शौर्य महान
मैं भी चलूं उसी पथ पर
जिस पथ पर लाखों वीर गए
मिट गए देश पर हंसते हंसते
जंग लड़ने जो रणधीर गए
वीर समाधि बनी उन्ही की
इस पावन उज्ज्वल धरती पर
खून से सनी है भारत की सीमा
राख हुए जो देश के रण पर
धन्य है भारत मां का आचल
धन्य है भारत देश महान
हे कर्मवीर हे धर्मवीर
हे परमवीर तुम शौर्य महान।
वाह
रचना अच्छी है।
thanks sir
Nyc
हे भारत। माँ
वाह
सुन्दर कविता
Waah
thanks all of you
वेलकम
उम्दा