प्रकृति का बदलाव
कलरव करता पंछी उड़ा आकाश तो अच्छा लगा,
शुद्ध हवा में आई सांस तो अच्छा लगा
ये कोरोना आया तो गलत है लेकिन,
प्रकृति का ये बदलाव अच्छा लगा
तारे चमक रहे हैं निर्बाध चमचम,
वो चमकता चांद भी अच्छा लगा
दूर नगर में उदास था कोई अपना,
वो आ गया है पास तो अच्छा लगा
ये शहर है अनजानों का मगर,
मिल गया कोई ख़ास तो अच्छा लगा
बहुत खूब बहुत सुंदर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद 💐
Nice
Thank you 🙏
बहुत सुंदर
धन्यवाद वसुंधरा जी
प्रकृति का सुंदर वर्णन तथा श्रृंगार रस का प्रयोग बहुत ही उम्दा लग रहा है
बहुत ही सुंदर
बहुत सारा धन्यवाद आपका 🙏
Great