बिंदास रहने की जरुरत है तुझे

तू ठेस देने वालों से न घबरा
तेरे में हुनर बहुत है,
तेरी लेखनी की धार में
खनक बहुत है।
हवाएं तो आती रहेंगी
जाती रहेंगी,
आँख में रेत का कण डालकर
रुलाती रहेंगी,
लेकिन तू बिंदास भाव से चलती चल
अपने लेखन की धार मजबूत करती चल।
ज़माना कुछ न माने तुझे
लेकिन तेरी लेखनी तेरा परिचय देती है
बिंदास रहने की जरुरत है तुझे .

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close