माखन चोर
माखन चोर माखन चोर।
ब्रज में मचा है यही शोर ।।
सब से नजरे बचा के देखो।
कैसे भागे माखन चोर।।
कहीं मटकी फूटी ,
कहीं माखन बिखरे ।
पकड़ो पकड़ो दौड़ो दौड़ो,
व्रज में आया कैसा चोर।।
कान पकड़ के मैया बोली,
कहाँ गया था, रात से हो गई भोर।।
बहुत khoob
धन्यवाद महोदय।
सुंदर चित्रण
आपकी समीक्षा ही मेरी शान है।
उत्तम
धन्यवाद।
बहुत खूब
शुक्रिया। समीक्षा के लिए।
समीक्षा के लिए धन्यवाद।