माखन चोर

माखन चोर माखन चोर।
ब्रज में मचा है यही शोर ।।
सब से नजरे बचा के देखो।
कैसे भागे माखन चोर।।
कहीं मटकी फूटी ,
कहीं माखन बिखरे ।
पकड़ो पकड़ो दौड़ो दौड़ो,
व्रज में आया कैसा चोर।।
कान पकड़ के मैया बोली,
कहाँ गया था, रात से हो गई भोर।।

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