Categories: मुक्तक
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मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
“यही मैं सोच-सोचकर हैरान!!!! “….
ऐक हजारों धरती माता, ऐक ही आसमान, मजहब के झगड़ों में क्यूँ उलझ रहा इंसान, यही मैं सोच -सोचकर हैरान, यही मेै सोच-सोचकर हैरान, भारी…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
वंदेमातरम् गाता हूँ
नारों में गाते रहने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बन सकता। आजादी आजादी चिल्लाने से कोई गांधी नहीं बन सकता। भगत सिंह बनना है तो तुमको…
मैं छत्तीसगढ़ बोल रहा हूँ
मै चंदुलाल का तन हूँ। मैं खुब चंद का मन हूँ। मैं गुरु घांसी का धर्मक्षेत्र हूँ। मैं मिनी माता का कर्म क्षेत्र हूँ।। मैं…
हार के जगह हाथ पढ़ें
बहुत ख़ूब भाई जी।
बहुत खूब
बहुत खूब